The Global Bulletin of India - GBI
सरकार के निर्देश के बाद खुली शराब (दारू) की दुकानें और पहले ही दिन लगी लंबी लंबी कतारें।लोगों में पहले पाने की होड़ में दुकानों पर उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां।
प्रशासन की ढील तो दी दुकानदारों को मगर शराब दुकानदारों ने की अनदेखी और कतारों में लगे लोग भूल गए सोशल डिस्टनसिंग किस चिड़िया का नाम हैं।
ऐसे लगा रहा था जैसे प्रसाद बट रहा हो मंदिरों में, इतनी उत्सुकता तो कही नहीं देखने को मिली जितनी इन शराब की दुकानों में लोगों की हैं।
यही एक ओर वो लोग है जो इतने दिनों तक लॉकडाउन के वक्त सोसल डिस्टनसिंग का पालन कर रहे हैं उनमें इसको लेकर निराशा भी है सरकार से ।
शराब की दुकान के आगे लंबी कतारें देखकर लंबे समय से लॉक डाउन के कारण घरों में बंद लोगों में निराशा बढ़ी कि कही इसकी वजह से कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा न बढ़ जाये। सरकार से उम्मीद कर रहे हैं शराब की दुकानों पर ऐसे सोसल डिस्टनसिंग के नियमों का उल्लंघन न हो।
कुछ ऐसे लोग भी लाइन में शराब के लिए लगे जिनके घर कल तक राशन नही था क्या शराब जीवन की मूलभूत आवश्यकता है? आज ठेके पर यही लोग है, जिनके घर में कल खाने को रोटी नहीं थी।
अगर शराब जरूरी है तो सोसल डिस्टनसिंग का भी जरूरी है ऐसा सरकार को सख्ती से उठाना होगा कदम नही तो कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने का खतरा हो सकता है पैदा, इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी,ऐसा आमजन का मानना है।