कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का बड़ा ऐलान, घर लौटने वाले मजदूरों की रेल यात्रा का खर्च उठाएगी कांग्रेस

The Global Bulletin of India - GBI


देश इस वक्त (Covid-19) कोरोना वायरस माहमारी संकट के दौर से गुजर रहा है और लॉकडाउन 3.0 के साथ ही केंद्र ने प्रवासी मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को इस दौरान आने-जाने की रियायत दे दी है। मजदूरों के सफर के किराए का मुद्दा खूब चर्चा में है। इन सब के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऐलान किया कि देशभर में फंसे मजदूरों के घर वापस जाने के लिए रेलयात्रा का खर्च कांग्रेस पार्टी उठाएगी।


कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा है, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक राज्य कांग्रेस कमेटी जरूरतमंद श्रमिक और प्रवासी मजदूरों की रेल यात्रा का खर्च उठाएगी और इस संबंध में आवश्यक कदम उठाएगी।


लॉकडाउन के दौरान श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए राज्य सरकारों से किराया लेने के संबंध में बीते दिनों एक आदेश के जरिए कहा गया था कि किराए में शयनयान श्रेणी के टिकट की कीमत, 30 रुपये का सुपरफास्ट शुल्क और प्रति यात्री भोजन तथा पानी के लिए 20 रुपये शामिल होंगे। 

 

विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट में कहा ट्रेन से वापस घर ले जाए जा रहे गरीब, बेबस मज़दूरों से भाजपा सरकार द्वारा पैसे लिए जाने की ख़बर बेहद शर्मनाक है। आज साफ़ हो गया है कि पूँजीपतियों का अरबों माफ़ करनेवाली भाजपा अमीरों के साथ है और गरीबों के ख़िलाफ़ विपत्ति के समय शोषण करना सूदखोरों का काम होता है, सरकार का नहीं।

 

झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा था, 'हमें प्रवासी मजदूरों से टिकटों के पैसे देने को नहीं कहना चाहिए। वहीं उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए सरकार पर सवाल उठाते हुए लिखा था कि ‘‘यदि आप कोविड-19 संकट के दौरान विदेश में फंसे हुए हैं तो यह सरकार आपको विमान से निशुल्क वापस लायेगी लेकिन यदि आप एक प्रवासी श्रमिक हैं और किसी अन्य राज्य में फंसे हैं तो आप यात्रा का किराया (सामाजिक दूरी की कीमत के साथ) चुकाने के लिए तैयार रहें। ‘पीएम केयर्स’ कहां गया?